शनिवार, 19 जुलाई 2008

काश.......


काश होता कोई ऐसा भी जो हमे भी समझता
ज़िन्दगी के सफर में हमारे साथ साथ चलता
हमारे नाम का भी महल किसी के खवाबो में बसता
हमे भी कोई सर आंखों पर रखता
छोटी छोटी खुशियो से फ़िर हमारा दमन भी महकता
उसकी जुदाई में फ़िर हमारा दिल भी तडपता

पर काश हमे कोई तो मिलता जो हमे भी समझता .....

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