रविवार, 6 जुलाई 2008

कह देना उन्हें के सो जायें, दीदार ख़्वाबों में कर लेना! हाल ऐ दिल!


कह देना उन्हें के सो जायें

दीदार ख़्वाबों में कर लेना!


उड़ जाए कभी आँचल जो हवा से,

इसको न कभी रोकना तुम,

जितना भी ऊंचा ये जा पाए,

इसको यूँही उड़ने देना!

कह देना उन्हें के सो जायें,
दीदार ख़्वाबों में कर लेना!


आए जो कभी रात यूँकि तुम,

छत पर लेटो और तारे गिनो,

सब गिनना मगर एक रहने देना,

और नाम उसे हमारा दे देना!

कह देना उन्हें के सो जायें,
दीदार ख़्वाबों में कर लेना!


कहते हैं कि इंसान जब गुज़र जाए,

हो जाता है वो तारा आसमानों का,

पूछे जब कोई हमारे बारे में,

उस तरफ़ इशारा कर देना!

कह देना उन्हें के सो जायें,
दीदार ख़्वाबों में कर लेना!


जब दिल करे तुम्हारा नाराज़ होने को,

और जी न लगे लोगों के बीच,

बस रातों के अंधेरे में छत पर आना,

और हमसे वो ग़म सारा कह लेना!

कह देना उन्हें के सो जायें,
दीदार ख़्वाबों में कर लेना!

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