ये भी क्या इत्तेफाक है कि कल मूर्ख दिवस है और भारत में इसी दिन से स्कूल का नया session शुरू होगा।
पर इससे मजेदार बात ये है कि भारत में जहाँ सबसे ज्यादा अंधविश्वासी रहते हैं इस ओर किसी का ध्यान ही नही जाता कि जब मूर्ख दिवस को ही नया सत्र शुरू होगा तो बच्चे समझदार कैसे होंगे।
हर साल हमारे स्कूल में नए सत्र के पहले दिन प्रांगंद में भाषण होता था और हमारे एक प्रिय अध्यापक इसी विषय पर चुटकी ज़रूर लेते थे।
मुझे भी अब जब कोई इस विषय में पूछता है कि भारत में १ अप्रेल को ही सत्र क्यों शुरू होता है तो जवाब देते नहीं बँटा ओर अपनी हाज़िर जवाबी का इस्तेमाल करना पड़ता है।
वैसे यदि किसी को इस बारे में कारण पता हो तो मुझे ज़रूर बताये।
नदीम भाई १अप्रेल कॊ इसी लिये स्कुल शुरु होता हे की जयादा से ज्यादा मुर्ख बने ओर बिना सोचे समझे वोट दे,
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