मैं जानता हूँ की शायद मेरे इस सवाल से कुछ लोग हैरान ज़रूर हो जायेंगे। मगर जब मैंने खारी बावली के एक व्यापारी से बढ़ती महंगाई के बाबत बात की तो उसने मुझे कहा कि इस बढ़ती हुई महंगाई के पीछे कमोडिटी बाज़ार का हाथ है। मुझे पूछा गया कि आप ही बताईये कि इस समय ऐसा अचानक क्या हुआ कि महंगाई बढ़ गई न तो देश में कोई बड़ी बाढ़ आई है और न ही ऐसा कुछ हुआ जिससे कि फसलें तबाह हो गई हों? सरकार ने diesel और पट्रोल कि कीमतें अभी कुछ ही दिन पहले बढाई हैं और महंगाई इससे पहले ही बढ़नी शुरू हो गई थी। बकोल व्यापारी ऐसा इस लिए हुआ क्यूंकि पिछले दिनों शयेर बाज़ार गिर रहा था और लोग अपने पैसा वहाँ से निकाल कमोडिटी बाज़ार में लगाने लगे इस कारण कमोडिटी बाज़ार ने आसमान पकड़ लिया अब क्यूंकि इसमें अधिकतर सौदे वायेदा में होते हैं तो कुछ सट्टे बाजों ने कालाबाजारी शुरू कर दी जिसकी वजह से कीमते बढ़ने लगीं हैं।
अब मेरा सवाल ये है कि यदि ये सच है तो क्या अब तक सरकार को इसकी ख़बर नही लगी और यदि ये झूठ है तो कोई इसकी सफाई के लिए सामने क्यों नही आता।
मैं चाहूँगा कि कुछ बाज़ार के जानकार इस विषय में थोड़ा प्रकाश डालें।
अच्छा हुआ आपका भी ध्यान इस ओर गया, कमोडिटी बाजार बन्द करवाने के लिये मालवा (मप्र) से रोजाना सैकड़ों पोस्टकार्ड सोनिया गाँधी को पहुँचाये जा रहे हैं, लेकिन चिदम्बरम और शरद पवार ने कुछ ऐसी पट्टी पढ़ाई है सोनिया को कि उन्हें कमोडीटी बाजार की सट्टेबाजी समझ नहीं आ रही… भगवान ही मालिक है इस देश का…
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