कोतुहल मेरे दिमाग में उठता हुआ एक छोटा सा तूफ़ान है.जिसमें में अपने दिल में उठा रही बातों को लिख छोड़ता हूँ.और जैसा की नाम से पता चलता है कोतुहल.
मंगलवार, 25 मार्च 2008
ब्लोग्वानी पर शामिल करने की मेरी चिंता: पढ़ा सबने बताया किसीने नही!
जैसा की मैंने कल भी लिखा था कि मैं अपने चिट्ठे को ब्लोग्वानी में शामिल नही कर पा रहा हूँ। मेरी इस पोस्ट को पढ़ा सबने मगर मुझे इसका इलाज किसी साथी ने नही बताया। क्या इसका कोई इलाज नही है। अब टू मैं सोच रहा हूँ की जो पोस्ट मैं अधिक लोगों को पढ़ना चाहता हूँ उसे कोतुहल पर जी लिख डालूं। मगर क्या करूँ मैं चाहता हूँ की मेरे ब्लॉग को भी अधिक लोग देखें और पढ़ें। यदि मेरे किसी साथी को इसका इलाज पता है तो ज़रूर बताये।
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वैसे ये बात आपको मैथिली जी या शिरिल जी से पूछना चाहिये था जो ब्लौगवाणी से जुड़े हुये हैं..
जवाब देंहटाएंचलिये कोई बात नहीं.. आपकी दोनों पोस्ट(पिछली और ये वाळी) हिट रहेगी.. इसकी 100% गारंटी मैं देता हूं.. आप मेरा ये वाला पोस्ट पढें तो आपको इस गारंटी के पीछे का कारण समझ में आ जायेगा.. :)
http://prashant7aug.blogspot.com/2008/02/blog-post_21.html
मैं भी अपने नए ब्लॉग को ब्लाग्वानी में शामिल नहीं करा पा रहा हूँ
जवाब देंहटाएंआपकी ये वाली पोस्ट ब्लागवाणी से ही देखी गयी है।
जवाब देंहटाएंअनूप जी शायद आपने मेरी पहली पोस्ट नहीं पढी उसमें मेरे ब्लोग का पता लिखा है. मुझे उसे शामिल करना है.
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