गुरुवार, 21 फ़रवरी 2008

अलविदा सुदर्शन फाकिर जी. आपकी कश्ती हमें हमेशा याद रहेगी.

अलविदा सुदर्शन फाकिर जी। आपकी कश्ती हमें हमेशा याद रहेगी.

सुदर्शन जी के बारे में अनुराग पुनेठा जी के इंडिया बोल पर पढ़ा, पढ़कर बड़ा अफ़सोस हुआ। जब से मैंने गीत संगीत सुनना शुरू किया है शायद तभी से मैंने इनके लिखे कागज़ की कश्ती गीत/ग़ज़ल को सुना है। और इसी के साथ बड़ा हुआ हूँ। वो कागज़ की कश्ती वो बारिश का पानी। जब छोटा था तब शायद सुदर्शन जी के इस गीत का मतलब नही समझा था मगर अब जब थोड़ा बड़ा हो गया हूँ तो पूरा समझ आने लगा है। सुदर्शन जी के बारे में जाना और थोड़ा समझा भी।
सुदर्शन जी आपका लिखा गीत/ग़ज़ल हमेशा हमें याद रहेगी और आपकी याद दिलाती रहेगी। आज ये हम सुनते हैं तथा अपनी यादें ताज़ा करते हैं कल को आने वाली पीढ़ी भी इसे सुनेगी और आपको याद करेगी।

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