कल मेरे पास कुछ कक्षा १२ के बच्चे आए जो की काफ़ी थके हुए थे। उन्ही में से एक लड़की बताने लगी की आज हमारे स्कूल में farewell मनाया गया। उनकी आँखों में अजीब सी उदासी झलक रही थे। वो मुझे बताने लगे की कैसे जब स्कूल के अध्यापक उनको टीका लगाकर आशीर्वाद दे रहे थे तो उनकी आंखों में नमी सी आ गई। सचमुच वो जगह छोड़ना जहाँ आपने अपनी ज़िंदगी के कई साल गुजारे हों बहुत भावुक कर देता है।जब आप पलट कर अपने उस स्कूल को देखते हैं जहाँ आपका आना कुछ दिन बाद बंद हो जाएगा तो आप की आंखों के सामने से सारी पुरानी यादें गुज़र जाती हैं। कि किस तरह आपने प्रवेश लिया किस प्रकार शुरू में आपको स्कूल के वातावरण में घुलने- मिलने में दिक्कत हुई और आज जब आप इसका एक अंग हैं तो आपको इसको छोड़कर जाना होगा। सचमुच ये सब लिखते हुए मेरी ऑंखें भी नम हो गई हैं। वाकई क्या दिन होते हैं वो जब आप अपने स्कूल में मस्ती करते हैं। अपने साथियों के साथ में खेलते हैं और बाकी लोगों को तंग करते हैं, और कभी - कभी अपने अध्यापकों की नक़ल भी उतारते हैं। जिसे अध्यापक जानते हुए भी नज़र अंदाज़ करते हुए निकल जाते हैं। मुझे आज भी याद है जब में कक्षा आठ में था और कक्षा का मोनिटर था, उस दिन उस ३-४ पेरीओड में कक्षा में कोई अध्यापक नही था, में अपने कुछ काम पूरे कर रहा था, और कक्षा के बाकी बच्चे शोर मचे रहे थे, इतने में एक बच्चा आया और बोला के शोर मत करो प्रिंसिपल आ रहा ,इतने में प्रिंसिपल उसके ठीक पीछे आके खड़े हो गए और बोले प्रिंसिपल आ नही रहा है प्रिंसिपल आ गया है। ये सुनकर सारे बच्चे शर्मिंदा भी हुए और मन ही मन हंसने भी लगे की ये क्या हो गया। उस दिन कोई भी बच्चा फिर कक्षा से बाहर नही निकला। और जब हम स्कूल छोड़कर जाने वाले थे हमारे साथ ऐसी कई यादें थीं। जिनको याद करके आज भी मन भर अत है और हां खुश भी होता है। कितनी बदल जाती है ज़िंदगी स्कूल के बाद। काम , करियर और परिवार जिम्मेदारियों के साथ। पर क्या कहें यही ज़िंदगी है। मैंने उन सभी बच्चों के साथ अपनी यादें भी बांटी aur उन्हें कुछ exam टिप्स भी दिए।
इस मौके पर मुझे अली हैदर का वो गाना याद आता है
की 'पुरानी जींस और गिटार'
भावनात्मक लगाव तो होता ही है। दुख भी होना स्वाभाविक है।
जवाब देंहटाएंजिस स्कूल मे इतने साल बिताते है उसके प्रति लगाव होता ही है।
जवाब देंहटाएंक्या एग्जाम टिप्स बांटे हमें भी तो बताइए
जवाब देंहटाएं