दिल किया कि राज ठाकरे जी कि आपको मुबारकबाद दे ही दूं।
आख़िर जो आप चाहते थे हो ही गया। जो आपकी मंशा थी कि दंगा भड़के,भड़क ही गया न। चलो अच्छा है आपकी भी राजनीतिक ज़मीन तैयार हो ही गयी। आख़िर आपने अपने जैसे कुछ और सिरफिरों को अपने साथ मिला ही लिया। लेकिन इसका अंत क्या होगा? अभी तो सिर्फ लोगों की पिटाई और कुछ सिनेमा घरों में आगज़नी ही हुई है , हो सकता है आपके के जैसे कुछ लोग किसीकी जान भी ले लें। पर आपका क्या आपका तो राजनितिक कद बढ़ ही जाएगा न। और वैसे भी आजतक हुआ ही क्या है? इसी तरह दंगा भड़का कर तुम जैसे लोग अपनी १ सीट को १० तथा १० सीट को १०० करते ही रहे हैं। मगर याद रखो ऐसा कुछ दिन के लिए ही होगा , बाद में सब लोगो को अक्ल आ ही जायेगी और तुम्हारा राजनीतिक कद बोना कर दिया जाएगा।
और एक सवाल सब से अक्सर कोई आम नागरिक यदि राज की तरज बयान देता तो उस पर पोटा या देशद्रोह जैसे आरोप लगा दिए जाते किन्तु यहाँ जहाँ पर देश के टुकड़े करने की साजिश हो रही है वहाँ राज की गिरफ्तारी की आवाज़ कोई क्यों नही उठाता?
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