फिर चल रही हैं महकती ठंडी हवायें ,
के पड़ रही हैं बारिश की बूँदें,
और मुझे, तुम याद आ रहे हो।
हो रहा है दिल मोर की तरह बैचैन,
उठ रही हैं दिल में हसरतें,
और मुझे, तुम याद आ रहे हो।
कर रहा हूँ महसूस खुशबुओं को मिटटी की,
बस रही हैं मेरी साँसों में सीरत इनकी,
और मुझे, तुम याद आ रहे हो।
सामने देख रहा हूँ किसी को लड़ते हुए,
के हो रही हैं शिकायतें बारिश में निकलने पर,
और मुझे, तुम याद आ रहे हो।
के बैठा हुआ हूँ हाथ में चाए का कप लिए,
सामने से तुम्हारे मनपसंद पकोडों की खुशबू आ रही है,
और मुझे, तुम याद आ रहे हो।
जब भी चल रही है ठंडी हवा,
देख रहा हूँ उड़ती हुई जुल्फें किसीकी,
और मुझे, तुम याद आ रहे हो।
जब कम हो रही हैं बूँदें, सामने से कोई कह रहा है,
मौका अच्छा हैं अब निकलने दो,
और मुझे, तुम याद आ रहे हो।
के पड़ रही हैं बारिश की बूँदें,
और मुझे, तुम याद आ रहे हो।
हो रहा है दिल मोर की तरह बैचैन,
उठ रही हैं दिल में हसरतें,
और मुझे, तुम याद आ रहे हो।
कर रहा हूँ महसूस खुशबुओं को मिटटी की,
बस रही हैं मेरी साँसों में सीरत इनकी,
और मुझे, तुम याद आ रहे हो।
सामने देख रहा हूँ किसी को लड़ते हुए,
के हो रही हैं शिकायतें बारिश में निकलने पर,
और मुझे, तुम याद आ रहे हो।
के बैठा हुआ हूँ हाथ में चाए का कप लिए,
सामने से तुम्हारे मनपसंद पकोडों की खुशबू आ रही है,
और मुझे, तुम याद आ रहे हो।
जब भी चल रही है ठंडी हवा,
देख रहा हूँ उड़ती हुई जुल्फें किसीकी,
और मुझे, तुम याद आ रहे हो।
जब कम हो रही हैं बूँदें, सामने से कोई कह रहा है,
मौका अच्छा हैं अब निकलने दो,
और मुझे, तुम याद आ रहे हो।
bahut hi sundar rachana,badhai
जवाब देंहटाएंजब भी चल रही है ठंडी हवा,
जवाब देंहटाएंदेख रहा हूँ उड़ती हुई जुल्फें किसीकी,
और मुझे, तुम याद आ रहे हो।
-बहुत बढ़िया.