सोमवार, 23 जून 2008

याद तो रहेगी ही..........

कुछ दूरियों का एहसास है



वो पहले जैसी बात है



बंदिशे
महसूस होने लगी है



जाने इसके पीछे क्या राज़ है



दिल कुछ परेशा तो



क्या इन सवालों का जवाब किसी के पास है?



या यह सिर्फ़ उन बीते हुए लम्हों की याद है



जो बीतेंगे दोबारा बस रह जायेंगे याद बन कर



हसाएंगे तो रुलायेंगे भी।



तुम रहो हमारे पास,



यादें तो ज़िंदा रहेंगी ही,



हम रहे या रहे।



हमारी याद तो रहेगी ही........




5 टिप्‍पणियां:

LinkWithin

Related Posts with Thumbnails