तेरे इंतज़ार में इस चोखट पे एक चिराग जलाकर रखा है,
तेरी याद को अब तक सीने से लगाकर रखा है।
हम तो अब हँसते भी नही खुलकर किसीके सामने,
इस हंसी को बस एक तेरे वास्ते संभाल रखा है।
गुलाबी होती है जब डाली फूलों के भर जाने से,
हमने तेरा चेहरा उसमें मुस्कुराते देखा है।
तड़प देखी है तेरी यादों में, अंधेरे में उजाला देखा है,
एक तूने ही नही देखा, सारे आलम ने ग़म मेरा देखा है।
wah bahut khub
जवाब देंहटाएंjald aap ka intzaar khatam ho--
जवाब देंहटाएंkavita-seedhey dil se kagaz par utar di hai..
बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंक्या बात है !!
डायरी के और पन्ने भी लायें.
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