अब लगता है ये कोई व्यंग हो गया कि कभी ख़बर गिरफ्तार हो गए तो कभी नही हुए। कभी पुलिस कहती है कि गिरफ्तार करेंगे तो कभी कहती है हम पीछे हट गए। कभी टिकैत साहब के समर्थक कहते हैं कि वो अदालत में आत्म समर्पण करेंगे कभी कहते हैं हम ऐसा नही होने देंगे। यार कुछ तो करो। हुआ क्या और क्या होगा समझ नही आ रहा।
वैसे एक बात है जहाँ टिकैत साहब ने मायावती को अपशब्द कह कर अपनी छवि बिगाडी थी उसे पुलिस और किसानों ने आसमान पर बैठा दिया। ऐसा लगता है मानों टिकैत साहब किसी दांडी यात्रा पर जाना चाहते हों और लोग उनके साथ में लग गए वहीं पुलिस है कि उन्हें रोकना चाहती है।
यार ये क्या ड्रामा है।
क्यों लोग जीरो को हीरो और हीरो को जीरो बनते हैं?
टिकैत ने केवल वहीं कहा है जो बसपा और उनके समर्थक खुद अपने लिये कहते है ।
जवाब देंहटाएंजैसे पंडित का स्त्रीलिंग पडिंतानी होता है वैसे ही टिकैत ने कहा - अजित सिंह नेता लोकदल की दिशा में देखते हुये - कि आज तेरी वजह से ये ---ी हमें परेशान कर रही है