हर तरफ़ आग है दामन को बचाएँ कैसे,
इस तेरे दर्द को दामन में छुपायें कैसे?
यूँ तो तेरी अमानातें और भी हैं मेरे पास,
बस एक दर्द का ही बता दे इसको छुपायें कैसे?
मुश्किलात ज़िन्दगी का सरमाया है सुना था किसी से,
इस सरमाये के साथ ज़िन्दगी को बिताएं कैसे?
न जाने क्यूँ अब भी तेरे आने की उम्मीद ज़िन्दा है,
इस ग़लतफ़हमी को दिल से बाहर निकालें कैसे?
बहुत खुब अच्चे शेर दिये हे फ़िर से धन्यवाद
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