बुधवार, 8 अक्तूबर 2008

ख़ुदा जाने वो क्या ढूँढता होगा! हॉल ऐ दिल!


ख़ुदा जाने वो क्या ढूँढता होगा,
है बदगुमाँ वो, कोई बदगुमाँ ढूँढता होगा।


था वो दिलके करीब हमेशा मगर,
अब वो बेवफा दिल का आसरा ढूँढता होगा।


तलाश ख़ुद को भी करना ऐ दोस्त,
कहीं तुम्हारा अक्स भी तुम्हे ढूँढता होगा।

है हर तरफ़ माहौल संजीदा ये क्यूँ,
क्या यहाँ भी कोई क़ातिल घूमता होगा।

सितम है मेरे दिल पर मुहब्बत का उसकी,
अब ये सितम पता किसी और का ढूँढता होगा।

3 टिप्‍पणियां:

  1. है हर तरफ़ माहौल संजीदा ये क्यूँ,
    क्या यहाँ भी कोई क़ातिल घूमता होगा।

    बहुत ख़ूब...

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  2. है हर तरफ़ माहौल संजीदा ये क्यूँ,
    क्या यहाँ भी कोई क़ातिल घूमता होगा।
    बहुत बढिया लिखा है।

    जवाब देंहटाएं
  3. तलाश ख़ुद को भी करना ऐ दोस्त,
    कहीं तुम्हारा अक्स भी तुम्हे ढूँढता होगा।
    wah bahut khub

    जवाब देंहटाएं

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