कोतुहल मेरे दिमाग में उठता हुआ एक छोटा सा तूफ़ान है.जिसमें में अपने दिल में उठा रही बातों को लिख छोड़ता हूँ.और जैसा की नाम से पता चलता है कोतुहल.
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मुझको रुलाने ये फिर आ गए हैं,रात भर जगाने ये फिर आ गए हैं,!!!तेरे अफसाने भी न दुश्मन मेरे हैं॥
वह! बहुत खूब!
क्या बात है मियाँ वाह !
बहुत खूब गजब के अल्फाज ....
वह! बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंक्या बात है मियाँ
जवाब देंहटाएंवाह !
बहुत खूब गजब के अल्फाज ....
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