कोतुहल मेरे दिमाग में उठता हुआ एक छोटा सा तूफ़ान है.जिसमें में अपने दिल में उठा रही बातों को लिख छोड़ता हूँ.और जैसा की नाम से पता चलता है कोतुहल.
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हम भी कभी ख़्वाबों पे यकीं किया करते थे ,रात रात भर नए ताने बुना करते थे,!!!अब ज़िन्दगी ने हकीक़त से रूबरू कराया है।
बेहतरीन भाव!
बेहतरीन भाव!
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