यूँ कतरों में गुज़र रही थी ज़िन्दगी अपनी,
और उन्होंने क़तरों से तर दामन कर लिया,
हम सोचकर बैठे थे ना कहेंगे ग़म उनसे,
पर उन्होंने चेहरे पढ़ने क हुनर सीख लिया.
और उन्होंने क़तरों से तर दामन कर लिया,
हम सोचकर बैठे थे ना कहेंगे ग़म उनसे,
पर उन्होंने चेहरे पढ़ने क हुनर सीख लिया.
बहुत बढ़िया!!
जवाब देंहटाएंक्या बात है..वाह!
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत । आभार ।
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