शनिवार, 1 मई 2010

और वो मुझे ग़म देता रहा! हाल ऐ दिल!


वो मुझे ग़ैर समझता रहा उम्र भर,
और मैं उसे अपना कहता रहा ,
वो मुझसे दूर रहा करता था हर दम,
और मैं अपनी ज़िन्दगी में उसे रखता रहा,


था एक नादान मैं ही,


मैं उसके ग़म में रोता रहा,
और वो मुझे ग़म देता रहा...

Pic from:http://www.fineartprintsondemand.com/

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