आज सोमवार है और मैं फिर से अपने clients से appointments ले रहा हूँ। और साथ ही साथ अपने ऑफिस को रिपोर्ट भी कर रहा हूँ। मुंबई दहला, हमने कुछ खामोशी अपनाई, उसपे नज़र बनाई, कुछ दुखी हुए और देखते रहे। और आज से फिर से सभी की ज़िन्दगी उसी पुराने ढ़र्रे पर चल पड़ी है। हम सभी ज़िन्दगी की तरफ़ चल पड़े हैं। और एक सवाल मेरे मन में उठ खड़ा हुआ है।
क्या ज़िन्दगी यही है?
मुश्किल सवाल है दोस्त ???
जवाब देंहटाएंeverythin in the mother tnge. unique blog u have here )
जवाब देंहटाएंcant seem to find any sharing engine on ur blog. y dnt u put up something like Tell-a-Friend so that visitor like me can easily share ur posts with frens thru mails,IMs,blogs,socialnetworking sites etc...u cn simply register on www.socialtwist.com Do check it out :)