कोतुहल मेरे दिमाग में उठता हुआ एक छोटा सा तूफ़ान है.जिसमें में अपने दिल में उठा रही बातों को लिख छोड़ता हूँ.और जैसा की नाम से पता चलता है कोतुहल.
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ये लाइने तो खूबसूरत हैं अच्छा है आपने गजल पूरी करने की खराश नहीं पाली।
शुक्रिया राजे साहब, मुझे लगा के कहीं ग़ज़ल पूरी करने के चक्कर में इन लइनों की रूह ही ना निकल जाए.
ओह.....
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
ये लाइने तो खूबसूरत हैं अच्छा है आपने गजल पूरी करने की खराश नहीं पाली।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया राजे साहब, मुझे लगा के कहीं ग़ज़ल पूरी करने के चक्कर में इन लइनों की रूह ही ना निकल जाए.
जवाब देंहटाएंओह.....
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
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