रविवार, 21 फ़रवरी 2010

काश उनको भी हम ये बता पाते... त्रिवेणी की कोशिश!


थी तरस हमको भी मुहब्बत की,
थी तरस हमको भी दीदार-ऐ-यार की,
!
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काश उनको भी हम ये बता पाते...

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