ये पोस्ट उस व्यक्ति के नाम लिख रहा हूँ जिनको आज फिर पढ़कर लिखने का मन करने लगा है। डॉ अनुराग एक जाना माना नाम हैं हमारे इस ब्लॉगजगत में और अब ये मेरा प्रेरणा पात्र भी बन गए हैं। पिछले काफ़ी समय से न जाने क्या हो रहा है। बार बार कोशिश करता हूँ लिखने की, कुछ लिखता हूँ, कभी अधूरा छोड़ देता हूँ, तो कभी उसे डिलीट कर देता हूँ। मगर आज न जाने क्या हुआ के डॉ अनुराग की पोस्ट पढने के बाद ऐसा लगा मानो उन्होंने मेरे ही मन की कोई बात ब्लॉग पर उतार दी हो और अब फिर से मन करने लगा है के कुछ लिखूं। वैसे धन्यवाद तो मैं उन्हें टिप्पणी के द्वारा भी दे चुका हूँ मगर फिर सोचा जब लिखना है ही तो क्यूँ न उनको धन्यवाद ही लिख दूँ।
तो धन्यवाद डॉ अनुराग साहब एक बार फिर से।
अनुराग जी के लिखे से आप को प्रेरणा मिली यह तो बहुत अच्छा ही हुआ..और अब आप फिर से लिखना शुरू कर रहे हैं.
जवाब देंहटाएंआप की पोस्ट की प्रतीक्षा रहेगी.शुभकामनायें.