कल वो फिर कोई अधूरी बात कर गया,
वो जा रहा था पर जाते जाते मेरी काली रात कर गया।
यूँही करवट बदलते फिर गुजरी मेरी रात ऐसे,
न जाने किन गुनाहों का मुझसे हिसाब कर गया।
अब आज फिर दुबारा इंतज़ार हो रहा है उसका,
वो अपने इंतज़ार को मेरी ज़िन्दगी के साथ कर गया।
वो जो कभी ज़िन्दगी था मेरी,
आज मेरी ज़िन्दगी बरबाद कर गया।
यूँही करवट बदलते फिर गुजरी मेरी रात ऐसे,
जवाब देंहटाएंन जाने किन गुनाहों का मुझसे हिसाब कर गया।
waah...bahut khoob likha hai aapne.
Neeraj
वो जो कभी ज़िन्दगी था मेरी,
जवाब देंहटाएंआज मेरी ज़िन्दगी बरबाद कर गया।
-बड़ा जालिम निकला.
बहुत बढ़िया लिखा.