
भारत की क्रिकेट टीम अपना तीसरा टेस्ट मैच भी ऑस्ट्रेलिया के हाथों बुरी तरह हार गयी। सभी नाराज़ हैं और मैं भी हूँ। सभी गुस्से में ना जाने क्या क्या बोल रहे हैं। कोई कहता है अब सचिन को खेलना छोड़ देना चाहिए और कोई राहुल द्रविड़ के पीछे पड़ा है, किसीको अब लक्ष्मण पसंद नहीं आ रहा तो कोई सहवाग के पीछे पड़ा है। सभी चाहते हैं के इन बड़े खिलाडियों को अब खेल से सन्यास ले लेना चाहिए। गोरतलब ये है की अभी कुछ दिन पहले तक हम सब इन्ही लोगों के गुणगान करते थे और हमें इनमे इतनी कमियां निकाल रहे हैं।
मेरा सवाल ये है की क्या कुछ matches हारने से इन खिल्दियों जिन्होंने १०० से अधिक टेस्ट matches खेलें हैं, इनकी योगता कम हो गयी है?
pic from yahoo cricket।