कोतुहल मेरे दिमाग में उठता हुआ एक छोटा सा तूफ़ान है.जिसमें में अपने दिल में उठा रही बातों को लिख छोड़ता हूँ.और जैसा की नाम से पता चलता है कोतुहल.
गुरुवार, 13 अक्टूबर 2011
त्रिवेणी: क़ाश हम दोनों ने ये क़दम उठाया ही ना होता
कुछ पशोपेश में, वो भी हैं-हम भी हैं,
कुछ सज़ा का डर उनको भी है-हमको भी,
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क़ाश हम दोनों ने ये क़दम उठाया ही ना होता...
Pic from om-rayan.deviantart.com
गुरुवार, 6 अक्टूबर 2011
हाल ऐ दिल: ग़र वो बेवफा ना होता!
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